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वजन बढ़ाने के लिए डाइट चार्ट – Weight Gain Diet Chart in Hindi

स्वस्थ व आकर्षक दिखने के लिए न तो अधिक वजन ठीक है और न ही कम। जिन लोगों का वजन उनकी आयु व कद के अनुसार संतुलित होता है, वो स्वस्थ जीवन का आनंद लेते हैं। इसलिए, जितना जरूरी मोटापा कम करना है, उतना ही महत्व वजन बढ़ाने का भी है। अक्सर लोग मोटापा कम करने की सलाह तो देते हैं, लेकिन कम वजन को बढ़ाने की बात कोई नहीं करता। कम वजन के लोग न सिर्फ कमजोर दिखते हैं, बल्कि उनका व्यक्तित्व भी आकर्षक नजर नहीं आता।

स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम इसी बारे में बात करेंगे। हम दुबले-पतले लोगों के लिए वजन बढ़ाने का डाइट चार्ट लेकर आए हैं, जिसे फॉलो करने से उन्हें अपना वजन बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, हम कुछ अन्य टिप्स भी देंगे।

पहले बात वजन बढ़ाने वाले डाइट चार्ट की, जो दुबले लोगों के लिए बेहद काम का है।

वजन बढ़ाने के लिए वेट गेन डाइट चार्ट – Diet Chart for Weight Gain in Hindi

Weight Gain

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भोजनसमयक्या खाएं (शाकाहारी/मांसाहारी)
नाश्ते से पहले

7am-8am

  • चीनी के साथ फुल फैट वाले दूध की चाय
नाश्ता

8am-9am

  • कम फैट वाले मक्खन के साथ मल्टीग्रेन ब्रेड के दो पीस और ऑम्लेट खाएं।
  • इसकी जगह आप एक बाउल ऑटमील, कॉर्न फ्लैक्स या फिर दलिया खा सकते हैं।
  • आप विभिन्न सब्जियां डालकर पोहा, उपमा व खिचड़ी भी खा सकते हैं।
  • सब्जी के साथ दो चपाती या फिर दो पराठे खाना भी फायदेमंद साबित हो सकता है।
  • आप ऊपर बताए गए विभिन्न विकल्पों में किसी एक को चुनकर उसके साथ फल या फिर उनका जूस जरूर पिएं।
ब्रंच

10am-11am

  • एक गिलास फुल फैट वाले दूध का सेवन करें या फिर प्रोटीन शेक ले सकते हैं।
दोपहर का खाना

12:30pm-1:30pm

  • एक कटोरी सब्जी व दाल के साथ दो चपाती और एक बाउल चावल
  • नॉनवेज खाने वाले चपाती व चावल के साथ चिकन के दो पीस/एक मछली/अंडा/पनीर ले सकते हैं।
  • दोपहर को खाने के साथ खीरा, गाजर, ककड़ी व बंदगोभी की सलाद जरूर लें।
  • साथ ही एक कटोरी दही भी ले सकते हैं।
शाम का नाश्ता

5:30pm-6:30pm

  • मक्खन के साथ वेज/नॉनवेज सूप
  • पनीर या मेयोनिज वाला सैंडविच भी खा सकते हैं।
रात का खाना

8:30pm-9:30pm

  • जो डाइट आपने दोपहर के खाने में ली, उसी तरह से आप रात को भी खा सकते हैं, लेकिन रात को चावल न खाएं।
सोने से पहले

10:30pm-11pm

  • एक गिलास दूध पिएं।

वजन बढ़ाने के लिए डाइट चार्ट के बाद हम कुछ अन्य टिप्स दे रहे हैं।

वजन बढ़ाने के लिए कुछ और टिप्स – Other Tips for Weight Gain in Hindi

1. कैलोरी

शरीर का वजन काफी हद तक कैलोरी पर निर्भर करता है। जहां वजन कम करने के लिए कम कैलोरी की जरूरत होती है, वहीं वजन बढ़ाने के लिए अधिक मात्रा में कैलोरी लेनी चाहिए। अगर आप कम वजन से परेशान हैं, तो नियमित रूप से 250 कैलोरी ले सकते हैं।

क्या करें :
  • आप अपनी डाइट में ब्रोकली, बंदगोभी, गाजर, पालक, कद्दू व बैंगन को शामिल करें।
  • रेड मीट को भी भोजन में शामिल करने से फायदा हो सकता है। ध्यान रहे कि इसे जरूरत से ज्यादा न खाएं, वरना आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है।
  • आप जो भी सलाद खाएं उस पर थोड़ा-सा जैतून का तेल जरूर डालें।
  • प्रतिदिन डेयरी उत्पादों का सेवन करने से भी आपको पर्याप्त मात्रा में कैलोरी मिल सकती है। आप हमेशा वसा युक्त दूध व दही का सेवन करें।
कैसे है फायदेमंद :

कैलोरी का मतलब ऊर्जा से होता है। जब आप कैलोरी युक्त भोजन का सेवन करते हैं, तो शरीर पहले से ज्यादा सक्रिया हो जाता है तंत्रिका तंत्र भी मजबूत होता है (1)।

नोट : भोजन में कैलोरी बढ़ाने के नाम पर फास्ट फूड न खाएं। इससे फायदा होने की जगह नुकसान हो सकता है।

2. भोजन की मात्रा बढ़ाएं

अगर आप संतुलित मात्रा में अपनी खुराक बढ़ाते हैं, तो अपना वजन बढ़ा सकते हैं। आप दिनभर में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में तीन की जगह छह बार भोजन करें और हर बार कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। एक बार में ही अधिक खाने से आपका पाचन तंत्र खराब हो सकता है और वजन बढ़ने की जगह आप अन्य बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। थोड़ा-थोड़ा और बार-बार खाने से भोजन हजम भी होगा और उसका असर शरीर पर नजर भी आएगा।

क्या करें :
  • आप नाश्ते में एक बाउल फल और बटर लगे ब्रेड खा सकते हैं। अगर आपको सामान्य बटर पसंद नहीं, तो आप उसकी जगह पीनट बटर या फिर पनीर ले सकते हैं।
  • स्नैक्स में सूखे मेवे, उबली सब्जियां या फिर पनीर सैंडविच खा सकते हैं।
  • अगर आपको इनके अलावा कुछ और भी पसंद है, तो उसका सेवन भी कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे है कि वह हेल्दी होना चाहिए।
कैसे है फायदेमंद :

थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ न कुछ खाते रहने से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है। इससे आप हर समय एक्टिव रहते हैं और अपना काम पूरी क्षमता के साथ कर सकते हैं (2)।

3. अधिक प्रोटीन

More protein

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वजन बढ़ाने के लिए कैलोरी के साथ-साथ प्रोटीन की भी जरूरत होती है। प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से शरीर को ऊर्जा मिलती है। इसके अलावा, मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं, क्योंकि कमजोर मांसपेशियां अधिक वजन को सहने में सक्षम नहीं होती हैं।

क्या करें :
  • अंडे, मछली, चिकन, दाल, स्प्राउट्स व डेयरी उत्पादों को प्रोटीन का प्रमुख स्रोत माना गया है।
  • टूना व मैकेरल जैसी मछलियों में अत्यधिक तेल पाया जाता है और इसके सेवन से वजन बढ़ाने में मदद मिलती है।
कैसे है फायदेमंद :

प्रोटीन में एमिनो एसिड पाया जाता है, जिससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इसलिए, प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ मांसपेशियों व वजन बढ़ाने के लिए जरूरी है (3) (4)।

4. स्वस्थ वसा

अगर आप यह सोच रहे हैं कि वजन बढ़ाने के लिए वसा की क्या जरूरत है, तो आप गलत हैं। शरीर के लिए सीमित मात्रा में वसा का सेवन करना भी जरूरी है। मांसपेशियों के विकास और टेस्टोस्टेरॉन जैसे हार्मोंस के लिए स्वस्थ वसा की जरूरत होती है। यह मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाने में भी मदद करता है, जिससे शरीर को खराब वसा को बाहर निकालने और अच्छे वसा को बनाए रखने में मदद मिलती है। पोलीअनसैचुरेट और मोनोअनसैचुरेट फैट को स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। इस तरह का फैट आपको मेवों, हरी पत्तेदार सब्जियों, अलसी के तेल, एवोकाडो तेल व अन्य बीजों के तेल से मिल सकता है। साथ ही आपको बता दें कि अच्छी सेहत के लिए ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड की भी जरूरत होती है। इस लिहाज से अगर आप वजन बढ़ाने के बारे में सोच रहे हैं, तो अच्छे वसा की अनदेखी न करें (5)।

5. वजन बढ़ाने वाले सप्लीमेंट्स

कुछ लोग जरूरत से ज्यादा कमजोर होते हैं। ऐसे लोगों को पौष्टिक खाद्य पदार्थों व नियमित व्यायाम करने के साथ-साथ वजन बढ़ाने वाले सप्लीमेंट्स लेने भी जरूरी होते हैं। ये सप्लीमेंट्स आप अपने डॉक्टर की सलाह पर ही लें। डॉक्टर ही आपको बेहतर बता सकते हैं कि आपके स्वास्थ्य के अनुसार किस तरह के सप्लीमेंट्स फायदेमंद रहेंगे।

क्या करें :
  • बाजार में कई तरह के प्रोटीन शेक व सप्लीमेंट्स उपलब्ध हैं। आप इनका सेवन दूध या फिर स्मूदी में डालकर कर सकते हैं।
कैसे है फायदेमंद :

अपनी दिनचर्या में सप्लीमेंट्स को शामिल करने से बॉडी मास इंडेक्स में वृद्धि होती है। साथ ही मांसपेशियों का विकास भी होता है (6)।

6. क्या खाएं

  • फुल वसा युक्त दूध
  • बीन्स, दाल व प्रोटीन युक्त अन्य पदार्थ
  • फल व सब्जियां
  • स्वस्थ फैट व ऑयल
  • अनाज
  • अच्छा व हेल्दी मीठा

7. योग

Yoga

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कई समस्याओं का एकमात्र इलाज योग है। योग वजन कम करने के साथ-साथ वजन बढ़ाने में भी मददगार है। अगर आप वेट गेन के लिए डाइट चार्ट के साथ-साथ योग भी करते हैं, तो आपको अधिक लाभ हो सकता है। योग न सिर्फ तनाव को कम करता है, बल्कि आपके शरीर में ऊर्जा के स्तर को भी बेहतर करता है। इसके अलावा, योग से पाचन तंत्र भी बेहतर होता है, जिससे आपको भूख अच्छी लगती है। यहां हम कुछ योगासन बता रहे हैं, जिन्हें करने से वजन बढ़ सकता है।

  • सर्वांगासन : यह योगासन आपकी उम्र व कद के अनुसार आपके वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है।
  • पवनमुक्तासन : इसे करने से पाचन तंत्र अच्छा होता है, मेटाबॉलिज्म में सुधार होता है और गैस, एसिडिटी व कब्ज जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इन सभी समस्याओं के खत्म होने से आपको भूख अच्छी लगती है।
  • वज्रासन : इस योगासन से भी पाचन तंत्र बेहतर होता है। आप जो कुछ भी खाते-पीते हैं, उसे हजम करना आसान हो जाता है। साथ ही पूरे शरीर खासकर पैर व कमर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।

8. वजन बढ़ाने के लिए व्यायाम

यहां बताए जा रहे व्यायाम को करने से मांसपेशियों का विकास अच्छी तरह होता है। ध्यान रहे कि आप ये सभी एक्सरसाइज योग्य प्रशिक्षक की देखरेख में ही करें।

  • ट्विस्टेड क्रंच
  • लेग प्रेस
  • लेग एक्सटेंशन
  • लेग कर्ल्स
  • आर्म कर्ल्स
  • शॉल्डर श्रग
  • सीटेड डंबल प्रेस
  • ट्राइसेप्स पुश डाउन
  • बारबेल स्क्वाट
  • पुल अप
  • एबी रोलर
  • इनक्लाइन डंबल प्रेस
  • साइड लेटरल रेस
  • डंबल लंग्स
  • वेट क्रंचेस
कैसे है फायदेमंद :

ये व्यायाम स्वस्थ मांसपेशियों के लिए जरूरी हैं। साथ ही इनसे बॉडी मास इंडेक्स बढ़ाने में भी मदद मिलती है। इससे आपका वजन धीरे-धीरे बढ़ने लगता है (7)।

9. खाने-पीने का रखें रिकॉर्ड

जिस तरह से वजन कम करने वाले एक नोटबुक में लिखकर रखते हैं कि उन्हें दिनभर में क्या खाना है और कौन-कौन सी एक्सरसाइज करनी है। उसी प्रकार वजन बढ़ाने वालों को भी करना चाहिए। आप रोज नोटबुक में लिखें कि आपने दिनभर में क्या खाया और हफ्ते के अंत में नोट करें कि आपके वजन में कितना अंतर आया है। इससे आपको अंदाजा रहेगा कि क्या-क्या खाने से आपके वजन पर असर पड़ रहा है। इस नोटबुक को देखने से आपको वजन बढ़ाने की प्रेरणा मिलती रहेगी।

10. तनाव से छुटकारा

आधे से ज्यादा समस्याओं की जड़ तनाव होता है। जब आप तनाव में होते हैं, तो वजन कम या ज्यादा हो सकता है। साथ ही अन्य प्रकार की शारीरिक समस्याएं भी हो सकती हैं। इसलिए, अगर आप वजन बढ़ाने की सोच रहे हैं, तो सबसे पहले तनाव से बाहर निकलने का प्रयास करें। तनाव को दूर करने के लिए आप मेडिटेशन कर सकते हैं, डांस कर सकते हैं या फिर अपनी पसंद का कोई म्यूजिक सुन सकते हैं।

11. पर्याप्त नींद

Enough Sleep

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बेशक, स्वस्थ व संतुलित भोजन करने, नियमित व्यायाम व योग करने और जरूरी सप्लीमेंट्स लेने से फायदा होता है, लेकिन शरीर को पूरा आराम देने के लिए पर्याप्त सोना भी जरूरी है। विशेषज्ञों का भी कहना है कि चुस्त व तंदुरुस्त रहने के लिए प्रतिदिन सात-आठ घंटे सोना जरूरी है। इससे दिनभर की थकावट दूर हो जाती है और आपका शरीर अगले दिन पूरी ऊर्जा के साथ काम करने लिए तैयार हो जाता है।

12. स्वयं को प्रेरित करें

इसमें कोई शक नहीं कि वजन कम करने से मुश्किल वजन बढ़ाना है। इसलिए, अपनी डाइट को उतना ही बढ़ाएं और एक्सरसाइज करें, जितना कि आपका शरीर सह सके। अगर आप अपनी क्षमता से ज्यादा कुछ करते हैं, तो फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। साथ ही आपके लिए धैर्य रखना भी जरूरी है, क्योंकि वजन धीरे-धीरे बढ़े तभी अच्छा है। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आप वजन बढ़ाने वाले डाइट चार्ट को 30 दिन तक लगातार लेते हैं, तो प्रति माह करीब डेढ़ किलो वजन बढ़ सकता है। अगर आपका वजन एक माह में इससे ज्यादा बढ़ता है, तो यह सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। ध्यान रहे कि हर व्यक्ति का शरीर और उसकी जरूरतें अलग-अलग होती हैं। इसलिए, आप अपने स्वास्थ्य के अनुसार ही अपना लक्ष्य निर्धारित करें। महिलाओं के लिए वेट गेन करने के लिए डाइट चार्ट व नियम कुछ अलग हो सकते हैं।

आगे हम बात रहे कि आखिर वजन कम क्यों होता है।

जानिए वजन कम होने के कारण – Reasons for Being Underweight in Hindi

महिला व पुरुष दोनों का सामान्य वजन वैज्ञानिक तौर पर उनकी उम्र व कद के अनुसार निर्धारित है। अगर वजन सामान्य से 15-20 प्रतिशत कम है, तो आपको अंडरवेट माना जाता है। इसे हम उदाहरण के साथ समझते हैं। मान लीजिए किसी महिला कि उम्र 26-30 के बीच है और कद 148-151 सेमी की बीच है, तो वजन करीब 47 किलो होना चाहिए। अगर वजन 40 किलो (15%) या फिर 37 किलो (20%) रह जाता है, तो उसे कम वजनी कहा जाएगा। 47 वर्षीय महिला का बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) 20.6 किलो/स्कवेयर मीटर होना चाहिए। जब वजन कम होता है, तो बीएमआई भी घटने लगता है।

वहीं, अगर किसी पुरुष की उम्र 25-50 के बीच है और कद करीब 176 सेमी है, तो सामान्य वजन करीब 70 किलो होना चाहिए। अगर वजन 60 किलो (15%) और 57 किलो (20%) है, तो उसे अंडरवेट माना जाएगा (8)।

आइए, अब हम जान लेते हैं कि किन कारणों के चलते वजन कम होता है।

  1. हाइपरथायरायडिज्म : गले में तितली के आकार की ग्रंथि होती है, जिसे थायराइड कहते हैं। इससे निकलने वाले हार्मोंस शरीर के अंगों को ठीक प्रकार से संचालित करते हैं। हाइपरथायरायडिज्म में जरूरत से ज्यादा हार्मोंस का निर्माण होता है, जिससे मेटाबॉलिज्म स्तर खराब होने लगता है, ह्रदय ठीक से काम नहीं कर पाता और वजन भी कम होने लगता है (9)।
  1. कैंसर : कैंसर होने पर भी वजन कम होने लगता है। साथ ही थकावट, भूख में कमी व मतली जैसी समस्याएं हो सकती है (10)।
  1. टीबी : इस बीमारी की गिरफ्त में आने पर भी वजन तेजी से कम होता है (11)। साथ ही खांसी, अधिक थकावट व रात को पसीना आना आदि परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अगर टीबी के कारण आपका वजन लगातार कम हो रहा है, तो आपको तुरंत डॉक्टर को इस बारे में बताना चाहिए। डॉक्टर उसी के अनुसार आपका इलाज करेंगे।
  1. एचआईवी एड्स : जो लोग एचआईवी एड्स से ग्रस्त होते हैं, उनका वजन भी धीरे-धीरे कम होने लगता है (12)। इसलिए, एक बार इसकी पुष्टि होने पर आपको डॉक्टर की सलाह के अनुसार समय-समय पर दवाइयां खानी चाहिए। साथ अपनी जीवनशैली में जरूरी परिवर्तन करना चाहिए, ताकि आपका स्वास्थ्य ठीक रहे।
  1. किडनी की बीमारी : जब बार-बार लगे कि आपको यूरिन आ रहा है, लेकिन रेस्टरूम से आने के बाद भी आपको यूरिन आने का अहसास हो, तो किडनी में खराबी का संकेत हो सकता है। इससे आपको यूरिन को रोके रखने की क्षमता में कमी, मतली, उल्टी, थकावट, मुंह में अजीब-से स्वाद का अहसास, त्वचा पर रैशेज व खुजली और सांस में अमोनिया की गंध आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, आपकी भूख भी कम हो सकती है, जिससे वजन कम होने लगता है (13) (14)।
  1. दवाइयां : कुछ एंटीबायोटीक दवाइयां ऐसी होती हैं, जो आपकी भूख को कम करने का काम करती हैं (15)। भूख कम लगने पर आप ठीक से भोजन नहीं कर पाते, जिससे आपको जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते। इसलिए, कोई भी दवा खाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
  1. भोजन में असंतुलन : जब आप निश्चित समय पर और पौष्टिक तत्वों से भरपूर भोजन नहीं करते हैं, तो एनोरेक्सिया नर्वोसा व बुलिमिया नर्वोसा जैसी बीमारी का शिकार हो जाते हैं। ये दोनों भोजन संबंधी विकार हैं। इससे ग्रस्त मरीज को वजन कम या ज्यादा होने का डर सताता रहता है। ऐसे लोग हमेशा अपने वजन को लेकर चिंतित रहते हैं और शरीर का आकार बिगड़ने के बारे में सोचते रहते हैं। एक प्रकार से कह सकते हैं कि यह मानसिक विकार से जुड़ी बीमारी भी है (16) (17)।
  1. एंजाइम में कमी : पाचन तंत्र व पोषक तत्वों को अवशोषित करने के लिए डाइजेस्टिव एंजाइम बेहद जरूरी हैं। इनकी मदद से ही शारीरिक विकास होता है। जब पेट की आंतरिक दीवारें डाइजेस्टिव एंजाइम को ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं, तो उससे वजन कम होने की आशंका बढ़ जाती है (18)।
  1. आनुवंशिक : कुछ हद तक पारिवारिक पृष्ठभूमि भी कम वजन का कारण हो सकती है। अगर आपके परिजनों का वजन कम रहा है, तो ऐसा अंदाजा लगाया जा सकता है कि आपको भी इस समस्या से दो-चार होना पड़े।
  1. खराब लिवर : लिवर खराब होने पर शरीर को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते। इस कारण से भी वजन कम होने लगता है।

लेख के अंतिम भाग में हम बता रहे हैं कि वजन कम होने पर क्या-क्या स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

वजन कम होने के कारण स्वास्थ्य समस्याएं – Health Problems Caused By Being Underweight in Hindi

  1. कमजोर प्रतिरोधक क्षमता : वजन कम होने से रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है। प्रतिरोधक क्षमता के ठीक से काम न करने पर आप जल्द ही अन्य बीमारियों के चपेट में आ जाते हैं। मौसम में थोड़ा-सा बदलाव होते ही स्वास्थ्य पर असर नजर आने लगता है। इसके अलावा, कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियां होने का भी अंदेशा रहता है।
  1. एनीमिया : कम वजन वाले व्यक्ति को अक्सर थकावट महसूस होती है। वह ठीक से भोजन नहीं कर पाता, जिस कारण उसे पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिलते और शरीर में ऊर्जा की कमी रहती है। परिणामस्वरूप, शरीर में रक्त की मात्रा भी कम होने लगती है और एनीमिया जैसी बीमारी शरीर में घर कर लेती है।
  1. प्रजनन संबंधी समस्या : महिलाओं में कम वजन का असर प्रजनन क्षमता पर भी पड़ता है। इससे मासिक धर्म चक्र अनियमित हो जाता है और महिला के लिए गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है। अगर गर्भधारण कर भी ले, तो गर्भपात की आशंका रहती है। वहीं, कम वजन वाले पुरुषों को यौन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। संभोग के समय उन्हें दर्द हो सकता है, शुक्राणुओं की गुणवत्ता कम हो सकती है व इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसी समस्या हो सकती है।
  1. कमजोर हड्डियां : कम वजन वाली महिलाओं व पुरुषों दोनों को ऑस्टियोपोरोसिस का सामना करना पड़ सकता है। ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों से जुड़ी एक बीमारी है, जिसमें फ्रैक्चर होने का अंदेशा कई गुना बढ़ जाता है। ऐसा हार्मोंस में बदलाव और विटामिन-डी व कैल्शियम में कमी के कारण होता है।

दुबले-पतले लोगों के लिए वजन बढ़ाना कोई मुश्किल भरा काम नहीं है। बस जरूरत है, तो अपना लक्ष्य निर्धारित कर उसे हासिल करने के लिए धैर्य रखने की। आप संतुलित व पौष्टिक भोजन का सेवन करें और अपने डॉक्टर की सलाह पर जरूरी सप्लीमेंट्स लेते रहें। इससे न सिर्फ आपका वजन बढ़ेगा, बल्कि आप स्वस्थ भी रहेंगे। साथ ही नियमित रूप से व्यायाम भी जरूर करें। आप इस संबंध में कुछ कहना या पूछना चाहते हैं, तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं।

स्वस्थ रहें, खुश रहें।

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